Thursday, July 31, 2014

जीने का जी करता है....

आज फिर उड़ने का जी करता है
आज फिर मुस्कुराने का जी करता है
आज फिर से वो लम्हे याद करने का जी करता है
आज बारिश में भीग जाने का जी करता है
आज कागज की कश्ती बनाने का जी करता है
आज चवन्नी की ढैया उड़ाने का जी करता है
आज चोर पुलिस और डॉक्टर डॉक्टर खेलने का जी करता है
आज फिर बगिया में आम गिराने का जी करता है
आज फिर से बच्चा बन जाने का जी करता है
हाँ, आज फिर से जीने का जी करता है....