Saturday, April 16, 2011
शेरदा............. शेरदा मामा.............. शेरदा ताव्जी .................... इन्ही नामों से पुकारा गया है उन्हें। मैं जब बच्चा था तब से शेरदा मामा को देख रहा हूँ। कई लोग पूछते हैं आखिर ये हैं कौन? आप हैं शेर सिंह जी......... कालाढूंगी के पास किसी गाँव में रहते थे आप........... पत्नी बच्चे और भाई बहेन सभी का साथ था............ भाई ने किसी की हत्या करी और फस गए शेरदा मामा.............. जेल, थाना और किमचल प्रदेश में एक बाबा की तरह जिंदगी बितायी है आपने...... सच्चाई सामने आई और आप बैज्जत बरी हो गए............ लेकिन रिश्ते टूटते चले गए............ पत्नी बेटे भाई ...........सब दूर होते गए........... याद है जब नाना जी की ठेकेदारी अच्छी चलती थी तब शेरदा मामा उनका काम देखा करते थे, एक मुंशी की तरह........... समय बीता और समय के साथ ही हम सब बच्चे बड़े होकर अलग अलग जगह चले गए............. हल्द्वानी से नैनीताल आये पढाई पूरी की और नौकरी लग गई............ शादी हो गई बच्चे हो गए................ बच्चे बड़े होने लगे और अब जरूरत थी किसी के साथ की.......... तभी एक दिन अकस्मात् शेरदा मामा हमारे गौलापार स्थित फार्म हाउस में प्रकट हो पड़े............ सालों बाद उन्हें देखा था लेकिन मैंने पहचान लिया........... वो हमारे साथ ही रहने लगे.......... जब एकलव्य तीन वर्ष का हुया तो हम नैनीताल आ गए ............ जिंदगी ठीक थक चलती रही......... लेकिन स्मैरा के आने के बाद हमें थोड़ी तकलीफ होने लगी............... लेकिन उसके स्कूल जाने तक महाराजजी ने शेरदा मामा को हमारे पास नैनीताल भेज दिया............. तब से मामा यहीं पर हैं......... आज वो पुरे पडोस के मामा हैं........... मेरे सारे मित्र उन्हें मामा कह के ही पुकारते हैं........... अब वो हमारे घर के ही सदस्य हैं............. हां कभी कभी उनकी आँखों में आंशू जरूर देखे हैं मैंने.......... अब हमारा परिवार ही उनका परिवार है........... उनके यहाँ होने से हमें काफी तसल्ली होती है की घर में कोई बुजुर्ग हैं............. साल में चार बार से ज्यादा नहीं नहाते हैं मामा.........अक्टूबर से अप्रैल तक शेर्हा मामा मामा कम और एस्किमो ज्यादा लगते हैं............... उम्र भी होई है........ मेरी साडे चार साल की बेटी उन्हें अपना स्टुडेंट बना कर पडाती है................ हम अगर देर से घर पहुंचे तो मामा नाराज हो जाते हैं............. शेरदा मामा महान हैं....................हम ईश्वर को धन्यवाद करते हैं कि हमें शेरदा मामा का साथ मिला................
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